Monday, May 08, 2006

himmat karnewalon ki haar nahi hoti

this is a poem i found to be very inspiring by hindi poet Suryakant Tripathi 'Nirala'. i came across this in the movie 'maine Gandhi ko nahi maara' by Jahnu Barua. this is a poem the father teaches his kids. Anupam Kher plays the role of a delusional old man. a popular hindi professor in his prime slowly turns senile as he grows older. he starts to feel imprisoned in his own home for having killed Mahatma Gandhi. his daughter (Urmila Matondkar) strives to bring him back to life. the performances of the father-daughter duo are moving. a brilliant new age movie. Bappi Lahiri makes a surprising comeback with a beautiful background score.


लेहरोन से डर कर नौका पार नहीं होती
हिम्मत कर्नेवालों की हार नहीं होती

नन्ही चीटी जब दाना लेकर चल्ती हैं
छडती दीवारों पर सौ बार फिसल्ती हैं
मन का विश्वास रगो में साहस भर्ता हैं
छडकर गिर्ना गिर्कर छडना ना अकारथ हैं
आखिर उस्की मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश कर्नेवालों की हार नहीं होती

डुबकिया सिंधु में गोताख़ोर लगाता हैं
जाजाकर ख़ाली हाथ लौट आता हैं
मिल्ते ना सेहेज के मोती पानी में
बडता दुग्ना उत्साह इसी हैरानी मैं
मुट्टी उस्की ख़ाली हर बार नहीं होती
हिम्मत कर्नेवलों की हार नहीं होती

असफल्ता एक चुनौती हैं स्वीकार करो
क्या कमी रेहेगयी हैं देखो और सुधार करो
जब तक ना सफल हो नींद चैन की त्यागो तुम
सन्घर्शों का मैदान छोड मत भागो तुम
कुछ किए बिना ही जैजैकार नहीं होती
हिम्मत कर्नेवलों की हार नहीं होती


"Koshish karnewalon ki haar nahi hoti" is the altered verse by Harivansh Rai Bachchan.

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